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आईएनटी टीम, मोतिहारी:: धर्मसमाज संस्कृतोत्तर विद्यालय के प्रधानाध्यापक रहे हरिकृष्ण मिश्र वैदिक का निधन। सूचना मिलने पर शोक की लहर है। वरिष्ठ पत्रकार संजय पांडेय ,आचार्य शत्रुघ्न पांडेय, वरीय पत्रकार अमरेंद्र तिवारी ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है बनारस में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके शिष्य वरीय पत्रकार संजय पांडेय ने कहा कि पूर्व प्रधानाध्यापक हरिकृष्ण मिश्र का संपूर्ण जीवन भारत की वैदिक और सांस्कृतिक परंपरा को समर्पित रहा। एक विलक्षण विद्वान के रूप में उन्होंने संस्कृत शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया। वे मोतिहारी स्थित धर्मसमाज, राजकीय संस्कृतोत्तर विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत रहे और अपने शिक्षण कार्य से असंख्य छात्रों को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित किया।
शिष्य आचार्य शत्रुघ्न पांडेय ने कहा कि उन्होंने वाराणसी स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय (अब सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय) से वेदाचार्य की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से मीमांसाचार्य की उपाधि और काशी विद्यापीठ से संस्कृत में एम.ए. किया। साथ ही, प्रयाग के हिंदी साहित्य सम्मेलन से ‘साहित्यरत्न’ की उपाधि भी प्राप्त की।
संस्कृत साहित्य और शिक्षण के प्रति उनकी गहरी निष्ठा और समर्पण ने उन्हें समाज में एक विशेष स्थान प्रदान किया। वे विद्या, विनम्रता और संस्कृति के सजीव प्रतीक थे। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, और शिक्षा जगत में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
उनके पुत्र शिक्षक शिवदत्त मिश्रा ने कहा कि इन दिनों प्रयागराज में रहते थे। अचानक तबीयत खराब हुई और देखते हैं देखते अंतिम सांस ली। चाणक्य विद्यापति सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बाबा गरीब नाथ धाम के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक, अखंड भारत पुरोहित महासभा के संस्थापक पंडित हरिशंकर पाठक, पंडित संजय तिवारी आदि ने शोक जताया है।
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