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Muzaffarpur में प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही की हत्या के बाद गैंगवार की आशंका News

उषा कुमारी, मुज़फ़्फ़रपुर

मुजफ्फरपुर के नगर थाना के लकड़ी ढाही मारवाड़ी हाई स्कूल के समीप देर रात प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और उसके निजी गार्ड मो. निजामुद्दीन की अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गई। वारदात में दो अन्य निजी गार्ड ओंकारनाथ सिंह, राहुल कुमार और अधिवक्ता सैयद कासिम हसन उर्फ डॉलर को भी गोली लगी। देर रात तीन बजे राहुल ने भी दम तोड़ दिया। दो की स्थिति गंभीर है। दो बाइक से आए चार हमलावर घटना को अंजाम देकर अखाड़ाघाट बांध होकर निकल भागे। घायलों को बैरिया गोलंबर स्थित मां जानकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।



पुलिस के अनुसार चार हमलावरों ने आठ पिस्टल से 30 राउंड से अधिक फायर किए। घटनास्थल से 16 खोखे मिले हैं। आशुतोष पूर्व मेयर समीर हत्याकांड में आरोपित था। वह कुख्यात मंटू शर्मा के खिलाफ जमीन के सौदे से जुड़े रंगदारी के मामले में गवाह था।

प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही रात करीब नौ बजे तीन निजी गार्ड के साथ अधिवक्ता डॉलर के चंदवारा आजाद रोड स्थित घर पर मिलने गया था। वह वकील के साथ ऑफिस में बैठ कर बातें कर रहा थो। इसी दौरान बाइक से आए दो हमलावर अंदर घुसे। उनके दोनों हाथों में पिस्टल थी। दोनों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। दो गोलियां लगने के बाद आशुतोष उठकर भागा तो हमलावरों ने खदेड़कर दूसरे कमरे के दरवाजे पर तीन गोलियां और मारीं। अधिवक्ता डॉलर को दो गोलियां बांह और जांघ में लगीं। फायरिंग की आवाज पर गार्ड ऑफिस की ओर दौड़े तो बाहर खड़े दो हमलावरों ने चार पिस्टल से फायरिंग करनी शुरू कर दी। इतने में अंदर से दोनों शूटर बाहर आ गए। चारों हमलावर गार्डों पर पीछे और सामने से गोलियां बरसाने लगे। यूपी के मऊ निवासी निजी गार्ड निजामुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरे गार्ड ओंकारनाथ व राहुल को कई गोलियां लगी हैं। इसके बाद चारों हमलावर दो बाइक से लकड़ीढाई चौक होकर अखाड़ाघाट बांध से सिकंदरपुर ओपी की ओर निकल भागे। ओंकारनाथ वेंटीलेटर पर है।

सूचना मिलने के बाद एसएसपी राकेश कुमार, सिटी एसपी अरविंद प्रताप सिंह, नगर डीएसपी राघव दयाल, डीएसपी पूर्वी मनोज पांडेय, डीआईयू, एसटीएफ और कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंचकर छानबीन की। घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से बैरिया स्थित मां जानकी अस्पताल भेजा गया। वहां पर यह चिकित्सक डॉक्टर धीरेंद्र प्रसाद सिंह व  डॉ गौरव वर्मा की देखरेख में सब का इलाज हुआ



 घर के अंदर घुसते ही करने लगे फायरिंग

 लकड़ीढाई के आजाद रोड स्थित वकील सैयद कासिम हुसैन उर्फ डॉलर का घर। बनारस बैंक चौक की ओर से दो बाइक पर सवार चार अपराधी पहुंचे। सबने पारा मिलिट्री (अर्धसैनिक बल) की तरह वर्दी पहन रखी थी। गेट के सामने सड़क पर बाइक लगाई, फिर चारों हमलावर दोनों हाथों में पिस्टल लिए सीधे वकील के कार्यालय में घुसे और गोलियां बरसाने लगे। किसी को संभलने का मौका नहीं मिला। वहां मौजूद वकील के साथ ही दो गार्ड गोली लगने से लहूलुहान होकर कराहने लगे। इसके बाद हमलावर अंदर के एसी रूम में घुसे और जमीन कारोबारी आशुतोष शाही पर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे।

वकील के कार्यालय में बातचीत के बाद गर्मी लगने पर आशुतोष अंदर वकील के एसी रूम में चले गए थे। अपराधियों को देख उन्होंने भागने की कोशिश की पर पलंग व सोफा के बीच फंस गए। हमलावर नजदीक से मौत होने तक उसपर गोलियां बरसाते रहे।

अपराधियों ने दोनों कमरों में 30 राउंड से अधिक फायरिंग की। करीब 90 सेकेंड में वारदात को अंजाम देने के बाद चारों अपराधी बाहर निकले और इलाके में दहशत फैलाने के लिए 12 राउंड से अधिक फायरिंग की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के बाद सभी लकड़ाढाई बांध की ओर भाग निकले। जब तक आसपास के लोग कुछ समझ पाते तब तक काफी देर हो चुकी थी। बाद में सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची।


 वकील के यहां पहुंच जाने की शूटर को थी जानकारी

पुलिस को आशंका है कि शूटर को वकील के यहां आशुतोष शाही के पहुंचने की सूचना दी गई थी। पहले से घटना को अंजाम देने की तैयारी कर चुके शूटर वकील के यहां आशुतोष के पहुंचते ही आ धमके। वकील के घर पर शाम में शहर के कई अन्य लोगों की भी बैठकी होती थी। आशुतोष को समय दे चुके वकील ने अन्य को व्यस्तता के कारण आज का समय नहीं दिया था।


 बोले एसएसपी0 गठित की एसआईटी

 एसएसपी राकेश कुमार ने कहा कि 

एसआईटी गठित कर हत्याकांड की जांच की जा रही है।



 मुजफ्फरपुर में गरजी गोली पुराना रहा इतिहास

 मुजफ्फरपुर शहर में फिर प्रॉपर्टी डीलिंग के धंधे में गरजी गोली ,जमीन के लिए शहर में कई बार हुई हत्याएं

चर्चित नवरूना कांड को भी जमीन के धंधे में अंजाम देनी की बात उठ चुकी है। इससे पहले एलएस कॉलेज के पास शिक्षिका रंजना भादुड़ी के गार्ड की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड में अबतक अपराधी की पहचान नहीं हुई, हालांकि कई बड़े लोगों से पूछताछ हो चुकी है। अभी हाल में चार जुलाई को माधोपुर में प्रॉपर्टी डीलिंग में राजीव सिंह की हत्या और कांटी थाना के मियां पकड़ी गांव में पवन श्रीवास्तव की हत्या को अंजाम दिया गया। इसमें पवन के प्रतिद्वंद्वी गुट के एक पूर्व जिला पार्षद समेत 11 लोगों को नामजद बनाया गया है।

 *जिले में जमीन के धंधे में अब तक एक दर्जन से अधिक बड़ी वारदात* हो चुकी हैं। पांच साल पहले पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या कल्याणी और पटियासा स्थिति बड़े प्लॉट की डीलिंग में हुई थी। इसमें प्रतिद्वंद्वी गुट के आशुतोष समेत 11 लोगों का नाम सामने आया था। पुलिस समीर हत्याकांड में आठ पर चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। हालांकि, आरोपित आशुतोष के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई थी। आरोपित बनाए जाने के बाद समीर हत्याकांड में आशुतोष ने जमानत ली थी। पूर्व मेयर हत्याकांड के बाद प्रॉपर्टी डीलिंग में यह शहर में दूसरी बड़ी वारदात है। मोतीझील में प्रॉपर्टी डीलिंग की बड़ी डील में शहर में वर्ष 2008 में पानीटंकी चौक के पास जीरोमाइल चौक निवासी गुड्डू पांडेय की हत्या हुई थी। गुड्डू ने ही आशुतोष को प्रॉपर्टी डीलिंग में लाया था। गुड्डू की हत्या में आशुतोष को भी नामजद आरोपित बनाया गया था, लेकिन पुलिस की जांच में उसे क्लीन चिट मिल गई थी।

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 दिल्ली में शिफ्ट होने की थी आशुतोष की तैयारी 

प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही दिल्ली में शिफ्ट होने की तैयारी में था। उसने दिल्ली में फ्लैट भी ले लिया था। हालांकि, कार्यक्षेत्र होने के कारण अकसर उनका मुजफ्फरपुर में आना जाना रहता। उसके करीबियों का कहना है कि दिल्ली में शिफ्ट होने की तैयारी के तहत प्लॉटिंग के धंधे को समेटना भी शुरू कर दिया था।


 शाही हत्या की यह खास प्वांइट

--हत्याकांड की यह खास बात फायरिंग बाद सिकंदरपुर की ओर बाइक से भागे हमलावर

-- पूर्व मेयर समीर हत्याकांड में आरोपित आशुतोष बेल पर था

---कुख्यात मंटू शर्मा पर रंगदारी के केस में गवाह था आशुतोष

------शहर में प्रॉपर्टी डीलिंग के धंधे में फिर असलहे गरजे और खून बहा। कल्याणी और बेला के प्लॉट की बड़ी डील में आशुतोष शाही की हत्या की बातें सामने आ रही हैं। बेला में जमीन की डीलिंग में आशुतोष के सिंडिकेट से जुड़े विजेंद्र से रंगदारी मांगी गई थी। इसमें मंटू की गिरफ्तारी के बाद आशुतोष ने निजी गार्ड रख ली थी। कल्याणी के पुराने मार्केट को तोड़ने के बाद आशुतोष पर खतरा और बढ़ गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी सुरक्षा बढ़ाते हुए गार्ड की संख्या बढ़ा ली थी और गाड़ी को बुलेटप्रूफ बनवा ली थी।

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