Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

मधेश के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रक्षा मंत्री को ज्ञापन पत्र



नई दिल्ली, -मधेश प्रदेश सरकार के ‘घूमो मधेश, जानो मधेश’ कार्यक्रम के संयोजक विकास कुमार ठाकुर ने मधेश के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ज्ञापन पत्र सौंपा।

गुरुवार को नई दिल्ली स्थित मंत्रालय में मंत्री सिंह से मुलाक़ात कर उन्होंने 10 सूत्रीय ज्ञापन पत्र सौंपा। इस अवसर पर कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद अभिषेक प्रताप शाह भी मौजूद थे।

संयोजक ठाकुर ने बताया कि यह ज्ञापन पत्र मधेश प्रदेश के धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों को भारत से जोड़ने और उनके प्रचार–प्रसार के उद्देश्य से सौंपा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत से सीमा जुड़ा मधेश प्रदेश सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास एवं संवर्धन में सहयोग की उम्मीद से मैंने ज्ञापन पत्र सौंपा है।’’

जवाब में भारतीय रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि नेपाल–भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक संबंधों को वर्तमान समय के अनुसार आगे बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल और भारत के श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसके लिए विशेष ध्यान देना चाहिए। ‘‘मधेश प्रदेश के पर्यटन वर्ष के लिए भारत प्रधानमंत्री जी के आसन्न दौरे में इसे एजेंडे में शामिल करने के लिए पहल करेगा। धार्मिक एवं पर्यटन आदान–प्रदान के लिए जल्द ही सकारात्मक कदम उठाएंगे। कुछ न कुछ परिणाम जरूर मिलेगा,’’ उन्होंने कहा।

ज्ञापन पत्र में उल्लेख किया गया है कि मधेश प्रदेश के नागरिक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, भाषाई और पारिवारिक रूप से भारत से जुड़े हुए हैं और यह क्षेत्र विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों से समृद्ध है।

इसमें धनुषा का जनकपुरधाम (सीता की जन्मभूमि), धनुषाधाम, बारा का महागढ़ीमाई मेला स्थल, पर्सा का देवधाम, महोत्तरी के जलेश्वर स्थित जलेश्वरनाथ महादेव, बर्दिवास का बाबा टुटेश्वरनाथ महादेव मंदिर, सर्लाही के कविलासी नगर पालिका स्थित श्री चमेली माई मंदिर, फरहदवा का रजवा महादेव मंदिर, बलरा का शीतली माई मंदिर, चन्द्रनगर का नाढ़ीमन ताल, बागमती का नुनथर पहाड़, सप्तरी के राजविराज स्थित छिन्नमस्ता भगवती मंदिर, हनुमाननगर का श्री कंकालनी माता मंदिर, रौतहट के मत्सरी स्थित श्री दुर्गा भगवती मंदिर, शिवनगर का शिवमंदिर, सिरहा का सहलेश फूलवारी, लहान का बाबा हरिहरनाथ मंदिर सहित अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थल नेपाल और भारत की साझा सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक हैं और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े हैं। इन सभी धार्मिक स्थलों को भारत के प्रमुख धार्मिक पर्यटन मार्ग से जोड़ने की मांग की गई है।

ज्ञापन पत्र में कहा गया है कि ‘‘यह अत्यंत आवश्यक है। इससे नेपाल–भारत के धार्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी और इन स्थलों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार–प्रसार होगा। साथ ही दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंध और गहरे होंगे तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।’’ ज्ञापन पत्र में शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है ताकि ‘‘दोनों देशों के संबंध और सशक्त हों और मधेश प्रदेश एक वैश्विक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान पा सके।’’

मधेश प्रदेश सरकार की 10 सूत्रीय मांगें

  1. नेपाल सरकार और भारत सरकार आपसी समन्वय स्थापित कर ‘रामायण सर्किट’ के अंतर्गत जनकपुरधाम को विशेष रूप से शामिल करें।

  2. भारत सरकार द्वारा जनकपुर–अयोध्या धार्मिक पर्यटन कॉरिडोर को और सशक्त बनाया जाए।

  3. भारत से मधेश प्रदेश के धार्मिक स्थलों के लिए विशेष पर्यटक बस/रेल सेवा शुरू की जाए।

  4. मधेश प्रदेश में भारतीय निवेश और तकनीकी सहयोग से पर्यटन आधारभूत संरचना का विकास हो।

  5. जनकपुरधाम–अयोध्या की सीधी नियमित हवाई उड़ान प्रारंभ की जाए।

  6. भारत की पर्यटन नीति में मधेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों को बॉर्डर टूरिज्म के अंतर्गत शामिल किया जाए।

  7. इन स्थलों के प्रचार–प्रसार के लिए संयुक्त सांस्कृतिक पर्यटन अभियान चलाया जाए।

  8. भारतीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा मधेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन मानचित्र में स्थान दिलाने में सहयोग किया जाए।

  9. श्री राम जन्मभूमि अयोध्या और बाबा विश्वनाथ के नगर वाराणसी में डिजिटल बोर्ड लगाए जाएं, जिनमें मधेश के धार्मिक स्थलों की विस्तृत जानकारी हो।

  10. ‘सीता बिना राम अधूरा, इसलिए पहले अयोध्या फिर जनकपुरधाम’ के नारे के साथ अयोध्या में जनकपुरधाम का प्रचार किया जाए।

Post a Comment

0 Comments