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---नेपाल–भारत क्रास बॉर्डर मीडिया कंक्लेव 2025
---नेपाल–भारत के बीच उत्पन्न समस्याएं आपसी समझदारी से सुलझानी होंगी : मंत्री चौरेसिया
बीरगंज (पर्सा), 30 अगस्त :नेपाल के खानेपानी मन्त्री प्रदीप कुमार यादव ने कहा कि नेपाल–भारत सम्बन्ध को और अधिक प्रगाढ़ एवं सौहार्दपूर्ण बनाना आवश्यक है। मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी, नेपाल द्वारा आयोजित नेपाल–भारत क्रॉस बॉर्डर मीडिया कंक्लेव 2025 को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कंक्लेव द्वारा पारित घोषणा पत्र दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्माण में सहयोगी होगा। ऐसे कार्यक्रम आपसी सम्बन्ध और रिश्ते को प्रगाढ़ बनाने में सहायक होंगे,” उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक सम्बन्ध को और मजबूत बनाए रखना जरूरी है। छोटी–छोटी बातों को बढ़ाने वाली गलत प्रवृत्तियों को हतोत्साहित करना आवश्यक है।”
मन्त्री यादव ने चेतावनी दी कि कुछ भारतीय मीडिया संस्थान नेपाल–भारत सम्बन्ध को बिगाड़ने वाली अफवाहें फैलाते हैं। “कभी–कभी समाचार आते हैं कि नेपाल का पानी बिहार में बाढ़ लाता है। यह गलत है। उन्होंने कहा कि नेपाल–भारत सीमा को बन्द करने या उस पर तारबाड़ लगाने जैसी गलत सन्देश फैलाए जा रहे हैं। “जब दोनों देशों के लोगों के बीच पहले से ही घनिष्ठ सम्बन्ध हैं तो काँटेदार तार या बाड़ लगाकर समस्या हल नहीं की जा सकती। “नेपाल–भारत की सीमा उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया जैसी नहीं है। यह तो रोटी–बेटी का सम्बन्ध है। इसे स्थायी और दीर्घकालिक बनाए रखना आवश्यक है।
नेपाल सरकार के कानून, न्याय तथा संसदीय कार्यमंत्री अजय कुमार चौरेसिया ने कहा कि नेपाल और भारत के बीच उत्पन्न समस्याओं का समाधान आपसी समझदारी से किया जाना चाहिए। मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी, नेपाल द्वारा आयोजित नेपाल–भारत क्रॉस बॉर्डर मीडिया कंक्लेव 2025 को सम्बोधित करते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच समन्वय और सहयोग के माध्यम से ही विवादों को समाप्त करना होगा।
दोनों देशों के बीच सदियों से सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध रहे हैं,” उन्होंने कहा, “कभी–कभी सम्बन्धों में उतार–चढ़ाव आते हैं, लेकिन उन्हें भी आपसी समझदारी से ही हल करना चाहिए।”
मंत्री चौरेसिया ने आगे कहा कि नेपाल और भारत के जनता–जनता के बीच का सम्बन्ध दुनिया में कहीं और नहीं मिलता। “दोनों देशों के लोगों के बीच का आत्मीय सम्बन्ध संसार के किसी भी अन्य देश में नहीं मिल सकता,” उन्होंने कहा, “मीडिया को दोनों देशों को तोड़ने का नहीं बल्कि जोड़ने का काम करना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल के लोकतान्त्रिक आन्दोलन में भारतीय राजनीतिक नेतृत्व का निरन्तर सहयोग रहा है। “भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भी नेपाली नेताओं की अहम भूमिका रही थी। इसलिए दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाना आवश्यक है।”
मधेश प्रदेश के प्रदेशसभा सदस्य श्याम पटेल ने कहा कि अतीत में नेपाल–भारत सम्बन्ध अत्यन्त सरल और सौहार्दपूर्ण रहे, लेकिन हाल के समय में वे संवेदनशील होते जा रहे हैं। “दोनों देशों के सम्बन्ध को सौहार्दपूर्ण बनाए रखने के लिए मीडिया को खोजपूर्ण और तथ्य–आधारित समाचार प्रस्तुत करना आवश्यक है,” उन्होंने कहा, “मीडिया को भाईचारे का सम्बन्ध मजबूत करने में सक्रिय रहना चाहिए। राष्ट्रीय समाचार समिति (रासस) के कार्यकारी अध्यक्ष धर्मेन्द्र झा ने कहा कि नेपाल–भारत सम्बन्ध जनस्तर पर सदैव सौहार्दपूर्ण रहे हैं और मीडिया को भी इन सम्बन्धों को और गहरा करने की भूमिका निभानी चाहिए। “नेपाल और भारत के लोगों का सम्बन्ध दिल से होना चाहिए,” उन्होंने कहा, “मीडिया को केवल समाचार संकलन और प्रसारण तक सीमित न रहकर पृष्ठभूमि और सन्दर्भ पर भी ध्यान देना होगा, जिससे प्रभावकारी संचार सम्भव होगा।”
वरिष्ठ पत्रकार हस्त गुरुङ ने जमीनी स्तर पर आत्मीय सम्बन्ध विस्तार करने की आवश्यकता बताई, वहीं पूर्व राजदूत विजयकान्त कर्ण ने कहा कि नेपाल और भारत के बीच राजनीतिक सीमा है, लेकिन जनता–जनता के बीच कोई सीमा नहीं है।
मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी, नेपाल के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि यह कंक्लेव दोनों देशों के मीडिया के बीच आपसी सम्बन्ध और सहयोग को प्रोत्साहन देगा। “कंक्लेव ने दोनों देशों के पत्रकारों और संचारकर्मियों के बीच सहयोग और सद्भावना बढ़ाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है,” उन्होंने कहा।
मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी के संस्थापक वरीय पत्रकार अमरेन्द्र तिवारी ने कहा कि मीडिया को सदियों से देशों के बीच सम्बन्धों को सहज और प्रभावकारी बनाने की भूमिका निभाते आना चाहिए। “नेपाल–भारत सम्बन्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, भाषाई और सामाजिक–आर्थिक आयामों पर आधारित रहे हैं,” उन्होंने कहा, “खुली सीमा और रोटी–बेटी का आत्मीय सम्बन्ध और अधिक सशक्त ढंग से आगे बढ़ाना आवश्यक है।”
इस कंक्लेव में दोनों देशों के लगभग 100 मीडिया तथा संचार क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें सम्पादक, पत्रकार, विशेषज्ञ, नीति–निर्माता और डिजिटल कन्टेन्ट क्रिएटर समेत की सहभागिता रही। महासचिव रितेश त्रिपाठी ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी, भारत के विशेष संयोजन से सम्पन्न हुआ। नेपाल पत्रकार महासंघ के केन्द्रीय सचिव अशोक तिवारी, भारत पटना के वरीय विवेक चन्द, वरीय पत्रकार विजय झाआदि ने भी सीमा क्षेत्र के मुद्दों को उजागर कर सम्बन्ध प्रगाढ़ बनाने पर बल दिया।
कंक्लेव से 17 सूत्रीय घोषणा पत्र जारी
मीडिया फॉर बार्डर हार्मोनी, नेपाल द्वारा आयोजित नेपाल–भारत क्रास बार्डर मीडिया कंक्लेव 2025 ने 17 सूत्रीय घोषणा पत्र जारी किया। वीरगंज के पत्रकार क्रान्ति शाह ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि कंक्लेव दोनों देशों के साझा मुद्दों की पहचान कर उन्हें सार्वजनिक करेगा और उनके समाधान हेतु सरकार एवं सम्बन्धित निकायों से पहल करेगा।घोषणा पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि मीडिया को गलत सूचना और दुष्प्रचार से बचाकर तथ्यपरक रिपोर्टिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी तरह दोनों देशों के नागरिकों की वास्तविक समस्याओं को फील्ड रिपोर्टिंग के माध्यम से उजागर किया जाएगा।
साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि ऐसी कोई भी रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी जिससे दोनों देशों के समाजों में द्वन्द्व या वैमनस्यता उत्पन्न हो।
मधेश प्रदेश आमसंचार प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष श्यामसुन्दर यादव ने अनुरोध किया कि ऐसे रचनात्मक कार्यक्रमों को भविष्य में भी निरन्तरता दी जाए। मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी, भारत के अध्यक्ष अमरेन्द्र तिवारी ने कहा कि ऐसे सम्मेलन नियमित रूप से आयोजित कर नेपाल–भारत सम्बन्ध को और सौहार्दपूर्ण बनाया जाएगा।
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