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---प्रसाद हॉस्पिटल में विशेषज्ञ की चिकित्सक ने किया ऑपरेशन हुआ सफल,हालत सामान्य
मुख्य संवाददाता, चंदन कुमार, आईएनटी, मुजफ्फरपुर प्रसाद हॉस्पिटल, मुजफ्फरपुर ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। उत्तर बिहार के प्रमुख मल्टीडिसिप्लिनरी निजी अस्पतालों में शामिल इस संस्थान में पहली बार दिल के जन्मजात छेद एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (Atrial Septal Defect - ASD) का इलाज बिना ऑपरेशन, डिवाइस क्लोजर तकनीक से सफलतापूर्वक किया गया।यह चिकित्सा प्रक्रिया पश्चिम चंपारण की 48 वर्षीय श्रीमती गिरजा देवी पर की गई, जो हृदय गति बढ़ने और सांस फूलने की समस्या से जूझ रही थीं। इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. ज़ीशान अहमद मुमताज़ ने यह अत्याधुनिक प्रक्रिया सफलता के साथ पूरी की।
डॉ. मुमताज़ ने बताया कि यह समस्या जन्मजात होती है, लेकिन इसके लक्षणों को आमतौर पर अस्थमा या मानसिक तनाव समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। मरीज की विशेष जांच टीईई द्वारा की गई, जिससे छेद के आकार का सटीक आंकलन किया गया और उसी आधार पर डिवाइस का चयन कर प्रक्रिया पूरी की गई।
यह प्रक्रिया पर्क्युटेनियस तकनीक से की गई, जिसमें किसी भी सर्जिकल चीरे की आवश्यकता नहीं होती। सुई के माध्यम से की गई यह तकनीक मरीज को शीघ्र स्वस्थ होने का अवसर देती है। मरीज को अगले दिन से ही सामान्य रूप से चलने-फिरने की अनुमति दी जाती है। यह सुविधा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना समेत अन्य बीमा योजनाओं के अंतर्गत भी उपलब्ध है।
इलाज के बाद श्रीमती गिरजा देवी पूर्णतः स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन जी रही हैं। इस सफलता में डॉ. मन्नी चौधरी एवं डॉ. संदीप कुमार की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
प्रसाद हॉस्पिटल का हृदय रोग विभाग पहले से ही कोरोनरी एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और पेसमेकर इम्प्लांटेशन जैसी सेवाएं विगत दो वर्षों से सफलतापूर्वक प्रदान कर रहा है।
यह उपलब्धि उत्तर बिहार में बच्चों और वयस्कों में पाए जाने वाले जन्मजात हृदय रोगों के उपचार की दिशा में एक मील का पत्थर मानी जा रही है।
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