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“शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पिएगा वही दहाड़ेगा” – विकास वैभव

 INT NEWS NETWORK 

अपन पाठशाला में संवाद व प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित

आईपीएस अधिकारी ने वंचित समाज के बच्चों को किया सम्मानित

मुजफ्फरपुर (आईएनटी न्यूज नेटवर्क):

सिकंदरपुर स्थित मुक्तिधाम परिसर में 'अपन पाठशाला' की ओर से संवाद और प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार पुलिस के आईजी और 'लेट्स इंस्पायर बिहार' अभियान के संस्थापक विकास वैभव उपस्थित रहे।

विकास वैभव ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि जब तक बिहार विकसित नहीं होगा, तब तक विकसित भारत का सपना अधूरा रहेगा। इसके लिए समाज के हर सजग नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक चेतना के क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा, “बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पिएगा वही दहाड़ेगा।” इसलिए हमें शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि यही सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की कुंजी है।

अपन पाठशाला’ बना रहा परिवर्तन का मॉडल

उन्होंने कहा कि अपन पाठशाला द्वारा किए जा रहे प्रयास बिहार के लिए एक प्रभावशाली मॉडल बन सकते हैं। यह मंच केवल पठन-पाठन तक सीमित नहीं, बल्कि यह सामाजिक बदलाव की दिशा में एक ठोस पहल है। पढ़ाई को जीवन परिवर्तन का साधन बताते हुए उन्होंने बच्चों से कहा कि वे पूरे समर्पण से अध्ययन करें।

युवा शक्ति से बिहार को नई दिशा मिल सकती है

विकास वैभव ने आंकड़ों के ज़रिये बताया कि बिहार की 14 करोड़ आबादी में 9 करोड़ लोग 30 वर्ष से कम आयु के हैं। यदि इस युवा शक्ति को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिलें, तो बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जा सकता है।

आर्थिक असमानता और सामाजिक बाधाओं पर चिंता

उन्होंने कहा कि बिहार की औसत मासिक आय मात्र ₹5,028 है, जबकि दिल्ली में यह ₹68,000, सिक्किम में ₹48,000, तेलंगाना में ₹29,000 और गुजरात में ₹23,000 है। यह अंतर दर्शाता है कि राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में ठोस प्रयास की आवश्यकता है।सामाजिक समरसता की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि जातीय भेदभाव जैसे अवरोधों को दूर किए बिना सामाजिक विकास संभव नहीं है। जब तक समाज एकसमान और समरस नहीं होगा, तब तक राज्य प्रगति की राह पर नहीं चल सकेगा।

विकसित भारत 2047’ लक्ष्य की ओर सामूहिक प्रयास जरूरी


उन्होंने बल दिया कि विकसित भारत के निर्माण की दिशा में बिहार की भूमिका अहम है। यह परिवर्तन केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति से नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और नागरिक जिम्मेदारी से संभव होगा।

समारोह में उमड़ा जोश और उत्साह

कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता को पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। अपन पाठशाला के संचालक सुमित कुमार ने कहा कि विकास वैभव की उपस्थिति से बच्चों को नई दिशा और प्रेरणा मिली है। बच्चों ने भी अब उन्हें अपना आदर्श मानते हुए आईपीएस बनने का सपना देखना शुरू किया है।

गरिमामयी उपस्थिति से सजा मंच

इस अवसर पर चाणक्य विद्यापति सोसाइटी के संरक्षक शंभूनाथ चौबे, सैनिक कल्याण अधिकारी यू.के. त्रिपाठी, छात्र हम के प्रदेश अध्यक्ष संकेत मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार वरुण कुमार, सुनील कुमार, अभिराज कुमार, रेखा कुमारी, अजित कुमार सिंह, अशोक कुमार, रवि प्रकाश, रोशन कुमार, कौस्तुभ चतुर्वेदी, सुदीप चक्रवर्ती और संगीता बोरा सहित कई विशिष्टजन मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन डॉ. सतीश कुमार साथी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता रत्नेश भारद्वाज ने की।

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